नेचर डीप क्या है? नेचर डीप एक जैविक उत्पाद है तथा इसमें मायकोरायझा नामक फफूंद है, यह फफूंद आपके मिर्च के पौधों की जड़ों पर पनपती है और जडों की कक्षा बढ़ जाती है. इससे मिर्च का पौधा अधिक से अधिक अन्न द्रव्य ले सकता है और मिर्च का उत्पादन बढ जाता है। नेचर डीप का उपयोग आप ड्रेचीग/ड्रीप/खाद के साथ छिट्टा लगाकर कैसे भी कर सकते है
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किसानों का अनुभव नेचर डीप के साथ। जानें क्या हुआ जब किसान भाई ने लहसुन की फ़सल में नेचर डीप का इस्तेमाल किया।
नेचर डीप क्या है? नेचर डीप एक जैविक उत्पाद है तथा इसमें मायकोरायझा नामक फफूंद है, यह फफूंद आपके मिर्च के पौधों की जड़ों पर पनपती है और जडों की कक्षा बढ़ जाती है. इससे मिर्च का पौधा अधिक से अधिक अन्न द्रव्य ले सकता है और मिर्च का उत्पादन बढ जाता है। नेचर डीप का उपयोग आप ड्रेचीग/ड्रीप/खाद के साथ छिट्टा लगाकर कैसे भी कर सकते है
किसानों का अनुभव नेचर डीप के साथ, जानें क्या हुआ जब किसान भाई ने गन्ने की फ़सल में नेचर डीप का इस्तेमाल किया
नेचर डीप क्या है? नेचर डीप एक जैविक उत्पाद है तथा इसमें मायकोरायझा नामक फफूंद है, यह फफूंद आपके मिर्च के पौधों की जड़ों पर पनपती है और जडों की कक्षा बढ़ जाती है. इससे मिर्च का पौधा अधिक से अधिक अन्न द्रव्य ले सकता है और मिर्च का उत्पादन बढ जाता है। नेचर डीप का उपयोग आप ड्रेचीग/ड्रीप/खाद के साथ छिट्टा लगाकर कैसे भी कर सकते है
मिर्च की फसल में नेचरडीप के फायदे और इस्तेमाल के बारे में विस्तृत जानकारी
नेचर डीप क्या है?
नेचर डीप एक जैविक उत्पाद है तथा इसमें मायकोरायझा नामक फफूंद है, यह फफूंद आपके मिर्च के पौधों की जड़ों पर पनपती है और जडों की कक्षा बढ़ जाती है. इससे मिर्च का पौधा अधिक से अधिक अन्न द्रव्य ले सकता है और मिर्च का उत्पादन बढ जाता है। नेचर डीप का उपयोग आप ड्रेचीग/ड्रीप/खाद के साथ छिट्टा लगाकर कैसे भी कर सकते है
What is nature deep & benefits of nature deep in various crops
What is Nature Deep?
Sumitomo Chemical Naturedeep improves root growth in field crops and the development of white root in fruits and vegetable crops. This improves the nutrient and fertilizer uptake from soil and greatly enhances crop yield. Naturedeep is also used in the seed treatment of various crop seeds.
केले की फसल में नेचरडीप के फायदे और इस्तेमाल के बारे में विस्तृत जानकारी
केले की फसल में नेचरडीप के फायदे और इस्तेमाल के बारे में विस्तृत जानकारी
नेचर डीप क्या है?
नेचर डीप एक जैविक उत्पाद है तथा इसमें मायकोरायझा नामक फफूंद है, यह फफूंद आपके मिर्च के पौधों की जड़ों पर पनपती है और जडों की कक्षा बढ़ जाती है. इससे मिर्च का पौधा अधिक से अधिक अन्न द्रव्य ले सकता है और मिर्च का उत्पादन बढ जाता है। नेचर डीप का उपयोग आप ड्रेचीग/ड्रीप/खाद के साथ छिट्टा लगाकर कैसे भी कर सकते है
नेचरदीप क्या है? एवं विभिन्न फसलों में नेचरदीप के लाभ
नेचरदीप क्या है? एवं विभिन्न फसलों में नेचरदीप के लाभ
नेचर डीप क्या है?
नेचर डीप एक जैविक उत्पाद है तथा इसमें मायकोरायझा नामक फफूंद है.
Mycorrhizae refers to the symbiotic relationship between fungi and plants
Mycorrhizae refers to the symbiotic relationship between fungi and plants. In this symbiotic relationship, the fungus colonizes the host plant’s root tissues and improves the water and nutrient absorption capabilities of the host plant.
केले की खेती कैसे करें | केले की फसल में नेचरडीप के लाभ
केले की खेती (Banana Cultivation) किसानों के लिए अच्छी आमदानी का जरिया हो सकता है. ऐसा कहा जाता है कि केले की खेती करीब 4 हजार साल पहले मलेशिया में शुरू हुई थी. भारत के कई प्रांतों में केले की खेती की जाती है. महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, बिहार और असम में खेले की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. वहीं उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्र में केले की खेती जा रही है. तो आइये जानते हैं केले की खेती कैसे की जाए.
नेचरडीप के साथ केले की खेती से मिलेगी ज्यादा उपज, जानिए कैसे ?
केला भारत वर्ष का प्राचीनतम स्वादिष्ट पौष्टिक पाचक एवं लोकप्रीय फल है अपने देश में प्राय:हर गाँव में केले के पेड़ पाए जाते है इसमे शर्करा एवं खनिज लवण जैसे कैल्सियम तथा फास्फोरस प्रचुर मात्रा में पाए जाता है। फलों का उपयोग पकने पर खाने हेतु कच्चा सब्जी बनाने के आलावा आटा बनाने तथा चिप्स बनाने के कम आते है। इसकी खेती लगभग पूरे भारत वर्ष में की जाती है।
जलवायु एवं भूमि
केला की खेती के लिए किस प्रकार की जलवायु एवं भूमि की आवश्यकता होती है? : गर्मतर एवं सम जलवायु केला की खेती के लिए उत्तम होती है अधिक वर्षा वाले क्षेत्रो में केला की खेती सफल रहती है जीवांश युक्त दोमट एवम मटियार दोमट भूमि ,जिससे जल निकास उत्तम हो उपयुक्त मानी जाती है भूमि का पी एच मान 6-7.5 तक इसकी खेती के लिए उपयुक्त होता है।